आंसुओं की धार...

आंसुओं की धार...

राह में बिखरे पड़े हैं , फूल सारे खार बनकर I सामने आकर खड़ी है , जीत मेरी हार बनकर II           बन न पाई तुम मेरे ,       ...
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आस्तीं का सांप...

आस्तीं का सांप...

आदमी पर किस तरह , होता है तोहमत का असर I जल रहा बिन घास के , बिन फूस के शीशे का घर II           भेद फूलों और काँटों में     ...
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पतझड़ का मौसम...

पतझड़ का मौसम...

जोर उनके दिल्लगी की , थी बहुत कम क्या करें ? जानेवाली चीज थी तो , जाने का गम क्या करें ?               आस थी कि खिल उठेंगी ,  ...
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सरारा रा रा...

सरारा रा रा...

भौजी रपट के , खेलें लिपट के , देवरन के संग मटकें....सरारा रा रा होरी में I                                    सरारा रा रा होरी मे...
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एकाकीपन...

एकाकीपन...

रात भर रोये तुम्हारी याद में हम इस कदर , आंसुओं से हो गया   बिस्तर हमारा तर-बतर II                तुम तलक पहुंचे न शायद     ...
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