एक कविता

एक कविता

आज सड़कों पर लिखे हैं सैकड़ों नारे न देख, घर अंधेरा देख तू आकाश के तारे न देख । एक दरिया है यहां पर दूर तक फैला हुआ, आज अपने ब...
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