घर का भेदी...

   स्वामी अग्निवेश...गेरुवा वस्त्रधारी...अन्ना टीम के भूतपूर्व सदस्य...सधी जबान से बात करनेवाले...लेकिन क्या निकले?सरकारी एजेंट...!!!कलियुगी जयचंद...!!!या कि विभीषण...!!!क्या कहें उन्हें...?अच्छा हुआ समय रहते अन्ना और उनकी टीम ने उन्हें पहचान लिया...और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया...अन्यथा अन्ना की पीठ में छुरा घोंपने...उनके आंदोलन को कुचलने की पूरी तैयारी थी उनकी...सांठ-गाँठ भी किसके साथ?धूर्त कपिल सिब्बल उर्फ कपिल मूनी महराज के साथ...!!!पोल खुलने पर अब बगलें झाँक रहे हैं...बहाने बना रहे हैं...आखिर जनता को ये क्या समझते हैं...?अग्निवेशजी...जनता अब जाग चुकी है...इंतज़ार करिये अगले चुनावों का...आपकी औकात बता दी जायेगी...आपकी असलियत का पता तो जनता को तभी चल गया था जब आप नक्सलियों के गढ़ में जाकर उन्हें सलाम ठोंक कर आये थे...आप भी सुने स्वामी अग्निवेश...उर्फ कुटिल अग्निवेश की कुटिलता...
 

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