तुम मिली मुझको.....
जानते हैं सब कि मैली
चाँदनी होती नहीं ,
पास जाकर जब मैं देखा ,
चाँद में ही दाग था .
बाग में थी अनगिनत
रंगीन कलियाँ बेशुमार ,
चुनकर उससे लिया जो
पुष्प मैं, बेदाग़ था .
हैं भटकते लोग जीवनभर
मगर पाते नहीं ,
तुम मिली मुझको ये मेरा ,
पुण्य था, सौभाग था .
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