मुखौटा
हालात पर कंट्रोल है I
हाथ में घंटी,गले में ,
हसरतों का ढोल है II
खून की कीमत नहीं ,
मिट्टी का लेकिन मोल है I
जान सस्ती है यहाँ ,
पर जिंदगी ‘अनमोल’ है !!
छल ,कपट ,धंधा बना ,
करते यहाँ सब झोल हैं I
ठोस लगती है धरा ,
अंदर से लेकिन पोल है II
भाव मन में हैं बुरे ,
होठों पे मीठे बोल हैं I
वाह री दुनिया यहाँ ,
दोहरे सभी के रोल हैं II
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कविता
बहुत उम्दा रचना है सर जी ....
जवाब देंहटाएंवाह-वाह-वाह .....