ख्वाहिशें..
रास्तों में बहार बाकी है I
क्या हुआ आज गर अँधेरा है ,
रोशनी की कतार बाकी है II
मेरे भावों में आग तुझसे है ,
मेरे गीतों का राग तुझसे है ,
बेअसर है जो हर हवाओं से ,
लेखनी में वो धार बाकी है II
मोगरों के महकते फूलों पर ,
डालियों से लटकते झूलों पर ,
जो पिलायी थी तुमनें आँखों से ,
अब तलक वो खुमार बाकी है II
याद गुजरे हुए जमाने का ,
मेरी बाँहों में सिमट जाने का ,
फिर से प्यारे हसीन लम्हों को ,
मुझको दे दो उधार,बाकी है II
यूं न मुझसे कभी खफा होना ,
तू न मुझसे कभी जुदा होना ,
दूर कितना भी मैं रहूँ तुझसे ,
जिंदगी तुझसे प्यार बाकी है II
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कविता
Jo kho gaya wo to wapas aane se raha.. jo baaki h bas wo bana rahe...isi dua k sath -Monali :)
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